solar import par paabande (सोलर इम्पोर्ट पर पाबंदी )
नए वित्त वर्ष की शुरुआत से भारत में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। भारत सरकार ने सोलर मॉड्यूल के आयात पर फिर से पाबंदी लगाने का निर्णय लिया है, जो 1 अप्रैल 2024 से प्रभावी होने वाला है।
भारत सरकार देश में सौर ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। इसके साथ ही सरकार का प्रयास घरेलू स्तर पर अधिक से अधिक सोलर मॉड्यूल बनाने का भी है।
2021 में लगी थी पहली बार solar import par paabande
भारत सरकार ने इसके बारे में शुक्रवार को जानकरी देते हुवे कहा की सोलर मॉड्यूल के आयात पर 1 अप्रैल से फिर से पाबंदियां लगाई दी जाएंगी।
इसका उद्देश्य घरेलू स्तर पर सोलर मॉड्यूल के विनिर्माण को बढ़ावा देना है। सरकार ने सबसे पहले साल 2021 में सोलर मॉड्यूल के आयात पर पाबंदियां लगाई।
बाद में दी गई थी ये छूट
साल 2021 में लगाई गई पाबंदियों के बाद सोलर प्रोजेक्ट डेवलपर्स को कहा गया था कि वे नॉन-टैरिफ बैरियर की अप्रूव्ड लिस्ट में शामिल एंटिटीज से ही सोलर मॉड्यूल की खरीदारी करें।
बाद में सरकार ने इसमें छूट दी थी और साल 2023-24 के लिए मॉडल्स एंड मैन्युफैक्चरर्स की अप्रूव्ड लिस्ट (एएलएमएम) के बाहर से भी सोलर मॉड्यूल खरीदने की छूट 31 मार्च 2024 से पहले कमिशन किए गए प्रोजेक्ट को मिली थी।
सरकार को इस बात की उम्मीद
अब सरकार छूट का समाप्त कर रही है और फिर से पाबंदियां लागू कर रही है। सरकार का मानना है कि सोलर मॉड्यूल के डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरर्स को सपोर्ट की जरूरत है।
इससे पहले सरकार ने फरवरी में भी कहा था कि 1 अप्रैल से एएलएमएम की पाबंदियां पुन: लागू हो जाएंगी। इन पाबंदियों से सिर्फ ओपन एक्सेस और कैप्टिव कंजम्पशन प्रोजेक्ट को छूट मिलेगी।
अभी इतनी है घरेलू क्षमता
भारत सरकार देश में सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा दे रही है। सरकार ने नई रूफटॉप सोलर स्कीम लॉन्च की है, जिसके तहत 1 करोड़ घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाने का लक्ष्य तय किया गया है। आंकड़ों के अनुसार, भारत की कुल सोलर मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी अभी 64.5 गीगावाट है।
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