PMGKAY :
PMGKAY – सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) को पांच साल के लिए बढ़ा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार शाम को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इससे जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दे गई।
इस योजना के तहत गरीबों को हर महीने पांच किलो राशन मुफ्त दी जाती है। कैबिनेट में पीएमजीकेएवाई योजना को एक जनवरी 2024 से अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ाने का फैसला किया है।
योजना को पांच साल के लिए बढ़ाने की घोषणा
प्रधानमंत्री ने हाल में छत्तीसगढ़ के दुर्ग में एक जनसभा में इस योजना को पांच साल के लिए बढ़ाने की घोषणा की थी। कोरोना काल में लॉकडाउन से प्रभावित गरीबों की मदद के लिए इस योजना को शुरू किया गया था।
मंत्रिमंडल ने साथ ही महिलाओं से जुड़े 15,000 स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन तथा उसका प्रशिक्षण प्रदान करने की केंद्रीय योजना को मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने साथ ही 16वें वित्त आयोग के लिए संदर्भ शर्तों को मंजूरी दे दी है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY)
यह केंद्र और राज्यों के बीच कर राजस्व के बंटवारे पर निर्णय करने से संबंधित है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि 16वां वित्त आयोग अक्टूबर 2025 तक अपनी रिपोर्ट सौंप देगा। इसकी सिफारिशें अप्रैल 2026 से पांच साल तक के लिए वैध रहेंगी।
संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत स्थापित वित्त आयोग की मुख्य जिम्मेदारी केंद्र तथा राज्य सरकारों की वित्तीय स्थिति का मूल्यांकन करना है। इसके अलावा उनके बीच करों के बंटवारे की सिफारिश करना और राज्यों के बीच इन करों के वितरण का निर्धारण करने वाले सिद्धांतों तय करना है।
भावुक हो गए थे PM
केंद्रीय मंत्रिमंडल के निर्णयों के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए ठाकुर ने बताया कि मंगलवार रात को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा के दौरान उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग के बचाव अभियान का मुद्दा भी आया और इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बहुत भावुक थे। सरकार अभियान में लगी थी और सभी जिंदगियों को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किए गए।
उन्होंने बताया कि चुनाव प्रचार के बीच में ही प्रधानमंत्री बचाव अभियान के बारे में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और अन्य स्रोतों से दिन में कम से कम दो बार जानकारी प्राप्त करते थे। उत्तराखंड में निर्माणाधीन सुरंग में फंस गए 41 मजदूरों को बचाने का अभियान मंगलवार रात सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था और मजदूर इसमें फंस गए थे।